दीपक की बातें

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Tuesday, October 5, 2010

लक्ष्मण तुम्हे सलाम!

इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच मोहाली टेस्ट ख़त्म होने के बाद हमारी ऑफिस में एक सीनियर ने कहा याद रखियेगा लक्ष्मण को मैन ऑफ़ द मैच का अवार्ड नहीं मिलेगा। और सच में नहीं मिला।
वी वी एस लक्ष्मण, एक ऐसा नाम जिसके नाम कई ऐसे रेकॉर्ड्स हैं जिसके लिए हर बैट्समैन लालायित रहता है। जब टीम के सभी बल्लेबाज आउट हो चुके होते हैं तो लक्ष्मण उभर कर सामने आते है। जिस ऑस्ट्रेलिया के सामने दुनिया भर के बल्लेबाज खौफ खाते हैं, उसी ऑस्ट्रेलिया के सामने लक्ष्मण अपना बेस्ट देते है। १७३, २८१, और मोहाली में खेली गयी ७३ रनों कि पारियां तो महज मिसाल है। दरअसल लक्ष्मण उस चट्टान का नाम है जो मुश्किलों के सामने और मजबूत हो जाती है।
इन सभी बातों के बावजूद इसे लक्ष्मण का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि उन्हें वह नाम और शोहरत नहीं मिली जिसके वास्तव में वो हक़दार हैं। शायद इसका कारन यह है कि लक्ष्मण उस दौर में टीम इंडिया का हिस्सा बने जब सचिन, गांगुली और द्रविड़ जैसे बड़े नाम टीम में थे। इनकी परछाई में लक्ष्मण कि तमाम उपलब्धियां दब कर रह गई। लेकिन इन बातों से बेपरवाह लक्ष्मण सिर्फ अपने काम में लगे रहे। जब भी जरूरत हुई उनके बल्ले से खूब रन बरसे।
यहाँ इस बात पर ध्यान देने कि जरूरत है कि जब टीम को जरूरत थी। सचिन ने भले ही बहुत ज्यादा रन बनाये हों, रेकार्डों का पहाड़ खड़ा किया हो, लेकिन बहुत कम मैच सचिन ने जितायें है। जब जब टीम को उनसे आशा थी निराशा ही हाथ लगी। द्रविड़ जरूर मिस्टर भरोसेमंद का तमगा पायें हैं लेकिन यह भी याद रखिये कि द्रविड़ नंबर तीन पर बत्टिंग करने आते है। वह उन्हें दूसरे बल्लेबाजों का साथ मिल जाता है, मगर लक्ष्मण कि कहानी जरा अलग है। वह पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आतें हैं। यहाँ अकसर उन्हें पुछल्ले बल्लेबाजो का ही साथ मिलता है। ऐसे में चुनौती और भी बड़ी हो जाती है।
यह देश का दुर्भाग्य है कि उन्हें एक दिवसीय मैचों में ज्यादा मौके नहीं मिले और चयन कर्ताओं ने उन्हें टेस्ट बल्लेबाज बना के रख दिया। लक्ष्मण कि स्टाइल भी खूबसूरत है। वह अजहर को अपना आदर्श मानते हैं और उसी स्टाइल में बल्लेबाजी करते हैं। कलाइयों कि उनकी जादूगरी किसी का भी मन मोह लेती है। भले ही उनके नाम बहुत सारे रिकॉर्ड ना हों, बहुत सारे अवार्ड ना हों, पर जब भी इंडिया कि कुछ शानदार जीत कि चर्चा चलेगी, लक्ष्मण का नाम खुद बा खुद जुबान पर जायेगा। लक्ष्मण तुम्हे सलाम!