दीपक की बातें

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Friday, October 14, 2011

पूनम पांडे, सेक्‍स और सक्‍सेज


पूनम पांडे नाम की हसीना एक बार फिर सुर्खियों में है। बॉथरूम में नहाते हुए जो वीडियो उसने अपलोड किया है, उसे देखने के लिए इंटरनेट पर लोग टूट पड़ रहे हैं। वेबसाइट्स पर उसके वीडियो को हिट बताया जा रहा है। इंडियन ग्‍लैमर सिनैरियो पर पूनम पांडे का अवतरण बड़ा नाटकीय रहा है। याद कीजिए वर्ल्‍ड कप 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम को प्रेरित करने वाला बयान देकर वह सुर्खियों में छा गई थी। (हालांकि उसकी इस घोषणा से कि 'भारत अगर वर्ल्‍ड कप जीता तो वह न्‍यूड हो जाएगी' ने भारतीय खिलाडि़यों को कितना इंस्‍पायर किया यह शोध का विषय होना चाहिए।) अपने इस वादे से पूनम पांडे पल भर में एक जाना-पहचाना नाम बन गई। इंटरनेट, न्‍यूज पेपर, न्‍यूज चैनल्‍स हर जगह पूनम पांडे, पूनम पांडे। इसके साथ ही विजय माल्‍या के बहुचर्चित कैलेंडर्स की कैलेंडर गर्ल नेशनल ही नहीं इंटरनेशनल सिनैरियो पर छा गई।

बहरहाल पूनम पांडे का लेटेस्‍ट वीडियो चर्चा में है। कुछ लोग उसकी इस हरकत पर हाय-तौबा भी मचा रहे हैं। मुझे इन हाय-तौबा मचाने वाले जीवों से बड़ी नफरत है। अगर पूनम पांडे हाईलाइट होने के लिए ऐसा कर रही है तो इसमें गलत क्‍या है। उसे यह बात पूरी तरह पता है कि उसका जिस्‍म एक 'प्रोडक्‍ट' है और जब तक प्रोडक्‍ट की मार्केटिंग नहीं होगी वह बिकेगा नहीं। अपने वीडियोज से अपने जिस्‍म की मार्केटिंग करके अगर वह सफलता का रास्‍ता तैयार कर रही है तो लोगों के पेट में भला दर्द क्‍यों हो रहा है। और दर्द हो रहा है तो होता रहे। यह बात पूनम पांडे भी बखूबी जानती है कि इस दर्द से बेहाल लोग जब उल्‍टी करेंगे तो भी उसकी पॉपुलैरिटी ही होगी। उसे यह पता है कि जो लोग सामने आकर उसकी इस हरकत पर थू-थू करेंगे, वही बाद में अकेले में लार टपकाते हुए उसका वीडियो भी देखेंगे। उसे गालियां देने वाले उसकी अदाओं पर आहें भी भरेंगे। इसका उदाहरण मैं खुद देख चुका हूं जब टीम इंडिया की जीत के बाद तमाम लोगों ने पूनम पांडे के नग्‍न रूप के दर्शन की ख्‍वाहिश जाहिर की थी। और हां, इस बात पर कम बहस हुई थी क्‍या कि पूनम पांडे ने अपना वादा नहीं निभाया।

इस तरह का हथकंडा अपनाकर पूनम पांडे अगर बिपाशा बसु, मलिका सहरावत या राखी सावंत या उन जैसे कुछ और नामों, जिन्‍होंने जिस्‍म की नुमाइश करके शोहरत पाई की, कतार में शामिल होना चाहती है तो भला गलत क्‍या है? जो भी हो उसे यह मालूम है कि दुनिया के इस बाजार में नारी जिस्‍म ही एक ऐसी चीज है जिसे आसानी से बेचा जा सकता है। तमाम फिल्‍मी डायरेक्‍टर, बड़ी नामी हिरोइनें भी तो यही करती रही हैं। क्‍या राजकपूर ने अपनी तमाम फिल्‍मों में 'कला' के नाम पर नारी जिस्‍म को नहीं दिखाया है? जिस्‍म की नुमाइश के जरिए प्रसिद्धि पाने के खेल में अगर वह शामिल हुई है तो उसके पीछे वह पुरानी परंपरा क्‍या दोषी नहीं है? यहां तक कि अन्‍ना हजारे के आंदोलन के दौरान भी कुछ हसीनाओं ने अधनंगी तस्‍वीरें खिंचवाकर प्रसिद्धि का प्रसाद प्राप्‍त किया था।

पूनम पांडे के विजन और ईमानदारी की दाद देनी होगी। कम से कम वह उन अभिनेत्रियों में तो नहीं जो पहले बोल्‍ड सीन देकर फिर निर्माता-निर्देशक पर आरोप लगाती फिरती हैं। खेल भले ही नंगई का हो पर पूनम पांडे पूरी रणनीति के साथ उतरी है। एक कुशल मैनेजर की तरह उसने अपनी हर चीज को बेहद सलीके से रखा है। अपनी वेबसाइट बनाई, टि्वटर अकाउंट बनाया है, जहां वह गाहे-बगाहे अपनी अधनंगी तस्‍वीरें लगती रहती है। असल में वह उस चलन को फॉलो कर रही है कि इंडस्‍टी में शाहरुख बिकता है या सेक्‍स। अब शाहरुख तक पहुंचने की उसकी हैसियत तो है नहीं सो वह सेक्‍स को शाहरुख तक पहुंचने की सीढ़ी बना रही है। उसे पता है जो दिखता है, वही बिकता है।

3 comments:

  1. जाने कैसे इस ब्लॉग तक चली आई.शायद किसी ब्लॉग पर दिए आपके कमेन्ट के मार्फत.
    पूनम पांडे कौन है?क्या है? नही मालूम.बोल्ड है, ईमानदार है.मुझे ईमानदार,सच्चे लोग पसंद है.वे किसी को धोखा तो नही दे रहे.अपनी किसी चीज को कोई बिना किसी को नुक्सान पहुंचाए कैसे काम मे लेता है यह उसका व्यक्तिगत मामला है.शरीर उसका वो जो चाहे करे.
    अर्ध नग्न देह को पर्दे पर देख कर मैंने हमेशा एक बात कही.आज भी कह रही हूँ 'यह लोग ना दिखाती तो हम यह कभी जान ही नही पाते कि कोई स्त्री देह इतनी खूबसूरत,सांचे मे ढली-सी भी हो सकती है.और....उसके पीछे उस अभिनेत्री या मोडल की अथक,कड़ी मेहनत भी स्पष्ट दिखती है जिसकी मैं मुक्त कंठ से सराहना करती हूँ. ....अच्छी पोस्ट है.विचार करने को प्रेरित करती है. शुभकामनाये.

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  2. हौसलाआफजाई के लिए शुक्रिया

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  3. जाते जाते इधर भी नज़र चली गयी -यू ट्यूब बी भी अपलोड करना था न :)

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