दीपक की बातें

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Sunday, February 5, 2012

युवराज की तारीफ की, अब दुआ कीजिए


प्रिय युवराज,

तुम्‍हारी बीमारी का हाल सुनने के बाद तबीयत किस कदर भारी हो गई है, यह हम ही जानते हैं। पता चला है कि तुम अभी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाए हो। तुम बिल्‍कुल चिंता मत करो। तुम बहुत जल्‍द स्‍वस्‍थ हो जाओगे। तुम्‍हारी बीमारी की खबर सुनकर हम सभी बहुत चिंतित हैं। मालूम होता है कि जिस बीमारी को तुम मामूली बता रहे थे, वह उतनी मामूली है नहीं। अगर यह मामूली होती तो भला कीमोथैरेपी क्‍यों की जाती। बहरहाल, तुम हमें कुछ नहीं बताना चाहते तो कोई बात नहीं।

जब विश्‍वकप में फतह के बाद तुम आंसुओं में सराबोर थे, तब हमारी आंखों के कोरे भी गीले थे। हां, तब हमें अंदाजा नहीं था कि हम सभी को यह खुशी देने के लिए तुमने कितना दर्द सहा है। अंदाजा होता भी तो कैसे? तुमने कभी हमें बताया ही नहीं। अभी तुम्‍हारे पिताजी भी बीमारी को गुप्‍त रखने की गुहार लगा रहे हैं। हो सकता है कि तुम इस बीमारी के बारे में बताकर हम सभी को चिंतित नहीं करना चाहते। मगर याद रहे युवराज, तुम सिर्फ योगराज सिंह के बेटे नहीं हो। तुम हिंदुस्‍तान के बेटे हो और हमारी दुआएं हमेशा तुम्‍हारे साथ रहेंगी।

हमें आज भी अच्‍छी तरह याद है। तुम्‍हारा वह पहला मैच। किस तरह तुमने कंगारुओं के छक्‍के छुड़ाए थे। मैदान में जब तुमने गुलाटियां लगानी शुरू कीं तो हमें अंदाजा हो गया था कि भारत के पास भी एक शानदार फील्‍डर आ गया है जो गिरने से घबराता नहीं। लॉडर्स के मैदान पर जब तुमने कैफ के साथ मिलकर अंग्रेजों का मानमर्दन किया था तो हमारा सीना गर्व से फूल गया था। टी-20 वर्ल्‍ड कप में स्‍टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर लगाए तुम्‍हारे वह छह छक्‍के भला क्‍या भूले हैं हम। और कितने मैच गिनाऊं? जाने कितने मौकों पर तुमने हमें फख्र करने का मौका दिया है।

विश्‍वकप में तुम जब टीम में शामिल हुए तो आलोचनाओं से घिरे हुए थे। मगर तुमने किसी की परवाह नहीं कि और अपने शानदार प्रदर्शन से खुद को साबित कर दिया। विश्‍वकप के बाद एक बार फिर जब तुम्‍हारा प्रदर्शन खराब हुआ तो हमने तुम्‍हें जाने क्‍या-क्‍या कहा। मगर अब उन बातों का सख्‍त अफसोस है। जिस दिन पहली बार तुम्‍हारी बीमारी के बारे में सुना बहुत सदमा लगा था। मगर फिर जब तुमने दिलासा दी कि नहीं चिंता की कोई बात नहीं, तो तसल्‍ली हो गई थी।

अब फिर से तुम्‍हारी बीमारी की खबर सुनकर हम परेशान हैं। मगर हमें भरोसा है कि जिस तरह तमाम कठिन हालातों मे तुमने मैच का रुख मोड़ दिया। जिस तरह तुमने तमाम हारी हुई बाजियां जीत लीं, उसी तरह तुम बिना विचलित हुए जिंदगी के इस दौर से भी जीत जाओगे। अभी तुम्‍हें कई मंजिलें फतह करनी हैं, भारत को कई मैचों में सिरमौर बनाना है। कई रिकॉर्ड अपने नाम करने हैं। हमारी दुआ है युवराज तुम जल्‍द ठीक हो जाओगे।

-भारतीय क्रिकेट प्रशंसक

(न्यूज़ टुडे में प्रकाशित)


1 comment:

  1. युवराज सिंह की काबिलियत के हम भी उतने ही मुरीद हैं जितने आप, आशा करता हूँ जल्दी ही हम उन्हें टीम में देखेंगे. बड़ी शिद्दत से उनकी कमी महसूस हो रही है. शायद हार का सिलसिला उनके आने के बाद टूट जाये.

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